Site icon ABP Times

About Chhatrapati SHIVAJI MAHARAJ HINDI, The 1st

ABOUT #SHIVAJI MAHARAJ HINDI, The 1st छत्रपति

the 1st chatrapati

About Chhatrapati SHIVAJI MAHARAJ HINDI, The 1st छत्रपति

हिन्दवी स्वराज्य का नीव रखनेवाला सूर्य


Chhatrapati SHIVAJI MAHARAJ के शासनकाल में धार्मिक असहिष्णुता अपने चरम पर थी। हिंदू मंदिरों को नष्ट किया जा रहा था और धर्म परिवर्तन को जबरदस्ती बढ़ावा दिया जा रहा था। उन्होंने हिंदू धर्म और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए मुगल साम्राज्य का डटकर मुकाबला किया। उनका नाम हिंदवी स्वराज का प्रतीक बन गया, जिन्होंने धर्म और स्वतंत्रता के लिए स्वर्णिम अध्याय लिखा।

प्रेरणा:

1680 में SHIVAJI MAHARAJ का भौतिक स्वर्गवास हुआ, परंतु उनका विचारधारा और स्थापित साम्राज्य जीवित रहा। उन्होंने एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण किया जिसने आने वाली पीढ़ियों को स्वतंत्रता के लिए लड़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने हमें कर्तव्यनिष्ठा, धर्मनिष्ठा, युद्धकौशल और न्यायपूर्ण शासन का पाठ पढ़ाया।
आजादी के नायकों से लेकर आम नागरिक तक सभी उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। उनकी वीरतापूर्ण कहानियां देशभक्ति का जोश जगाती हैं और आज भी प्रासंगिक बनी हुई हैं। शिवाजी महाराज सिर्फ इतिहास का एक अध्याय नहीं, बल्कि भविष्य की प्रेरणा हैं।

About Chhatrapati SHIVAJI MAHARAJ HINDI, The 1st छत्रपति

छत्रपति शिवाजी महाराज: इतिहास  बदलने वाला सितारा 

17वीं शताब्दी भारत के इतिहास में एक अशांत अध्याय है। मुगल सल्तनत का आधिपत्य था, धार्मिक असहिष्णुता व्याप्त थी और दक्षिणावर्त में स्वतंत्रता की अग्नि सुलग रही थी। इस अग्नि को प्रज्वलित कर, उसे स्वराज के सशक्त ज्वाला में परिवर्तित करने का श्रेय जाता है – छत्रपति शिवाजी महाराज को। उनकी गाथा सिर्फ वीरता की कहानी नहीं, बल्कि कूटनीति, दूरदर्शिता और राष्ट्र निर्माण के अद्वितीय पाठ का संकलन है।

प्रारंभिक जीवन और राज्यविस्तार:

Chatrapati Shivaji Maharaj Born Place (Shivneri fort)

शिवनेरी दुर्ग की पवित्र भूमि पर जन्मे Chhatrapati SHIVAJI MAHARAJ का प्रारंभिक जीवन राजनीतिक उठा-पटक के बीच बीता। उनकी माता जीजाबाई ने उनमें स्वराज की चेतना का बीज बोया, जिसने भविष्य में इतिहास का रुख बदल दिया। महज 15 वर्ष की आयु में शिवाजी ने सिंहगढ़ दुर्ग जीतकर स्वराज की पहली मशाल जलाई। उनकी गहन बुद्धि और रणनीतिक मस्तिष्क ने भंडारखंडा, पुरंदर, कोल्हापुर जैसे कई दुर्गों को उनके साम्राज्य में समाहित किया। छापामार युद्धनीति में जंगल छुपनगाह और रात के अंधेरा उनके प्रमुख हथियार थे.

 

प्रशासन:

प्रशासनिक कौशल में भी उनका लोहा मानना पड़ता था। उन्होंने दक्ष और निष्पक्ष न्याय व्यवस्था स्थापित की, विभिन्न धर्मों को सम्मान दिया और अष्टप्रधान मंत्रिपरिषद के माध्यम से कुशल शासन चलाया। उनका राज्य न केवल आर्थिक रूप से संपन्न था, बल्कि सामाजिक समरसता का भी आदर्श माना जाता था।

युद्धनीति:

शिवाजी केवल धनुर्धर या तलवारबाज नहीं थे, बल्कि एक कुशल युद्ध रणनीतिकार थे। उन्होंने हल्की घुड़सवार सेना की शक्ति को पहचाना और उसे मराठा सेना की रीढ़ बनाया। उनके दुर्ग अभेद्य माने जाते थे, रायगढ़ को स्वराज की राजधानी के रूप में स्थापित किया गया। समुद्री शक्ति बढाने के उद्देश्य से उन्होंने नौसेना का गठन कर व्यापार मार्गों पर नियंत्रण स्थापित किया।

About Chhatrapati SHIVAJI MAHARAJ HINDI, The 1st छत्रपति

समाज सुधारक और नारी सम्मान:

शिवाजी महाराज सिर्फ एक महान योद्धा ही नहीं थे, बल्कि एक समाज सुधारक भी थे। उन्होंने जातिवाद और छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयों को दूर करने का प्रयास किया। उन्होंने महिलाओं को शिक्षा और सम्मान देने पर ज़ोर दिया। उनका शासनकाल महिलाओं के लिए एक स्वर्णिम काल माना जाता है।                                                                   शिक्षा और कला का संरक्षण: महाराज शिक्षा और कला के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने संस्कृत और मराठी भाषा को बढ़ावा दिया, शिक्षण संस्थानों की स्थापना की और कलाकारों को   संरक्षण दिया।

प्रकृति और पर्यावरण:शिवाजी महाराज प्रकृति प्रेमी थे और उन्होंने वन संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने पेड़ों के रोपण और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कई नियम बनाए।
आध्यात्मिकता: महाराज एक गहरे आध्यात्मिक व्यक्ति थे। वे भगवान हनुमान के परम भक्त थे और उन्होंने कई धार्मिक स्थलों का निर्माण करवाया। उनकी कुल देवता थी तुलजा भवानी थी

उपसंहार:

Chhatrapati SHIVAJI MAHARAJ सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा थे। उन्होंने स्वतंत्रता, न्याय, समरसता और राष्ट्र निर्माण के महत्व को समझा और उसके लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनकी वीरता, कूटनीति, रणनीति और प्रशासनिक कौशल का आज भी उतना ही महत्व है जितना उस समय था।वह सचमुच भारत के इतिहास का एक चमकदार सितारा हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे। अंत में, हम आपसे अनुरोध करते है कि आप शिवाजी महाराज के बारे में अधिक पढ़ें और उनके विचारों और कार्यों को अपने जीवन में अपनाएं।*

*जय हिंद!*

Please also Read this

PAYTM, RBI controversy, PAYTM विवाद, PAYTM का पूरा मामला 2 times banned

Exit mobile version