Kalki Dham: अब बनेगा कल्कि धाम, PM Modi ने किया शिलान्यास
Kalki Dham Foundation: 19 फरवरी 2024 यानी आज यूपी के संभल में श्री कल्कि धाम का शिलान्यास पीएम मोदी ने किया. भगवान विष्णु के 10वें अवतार भगवान कल्कि कौन हैं, क्या है इस धाम की विशेषता.
भगवान कल्कि: धर्म की पुनर्स्थापना हिंदू धर्म में दशावतारों के दसवें अवतार के रूप में विख्यात भगवान कल्कि, अधर्म का अंत कर धरती पर धर्म की पुनः स्थापना करने वाले माने जाते हैं। पुराणों में उन्हें एक शक्तिशाली योद्धा के रूप में चित्रित किया गया है, जो सफेद घोड़े पर सवार होकर धधकती तलवार धारण करते हैं। कल्कि का आगमन अक्सर कलियुग के अंत और एक नए युग के प्रारंभ से जोड़ा जाता है।उनके आगमन की सबसे प्रसिद्ध कहानियों में से एक भविष्य पुराण में मिलती है। इसके अनुसार, कल्कि शम्भल नामक पहाड़ी क्षेत्र में जन्म लेंगे। वीर योद्धा के रूप में प्रशिक्षित होकर वे एक विशाल सेना तैयार करेंगे। इसके बाद वे पृथ्वी को जीतने और धर्म पुनः स्थापित करने के लिए निकल पड़ेंगे।
Kalki Dham: अब बनेगा कल्कि धाम, पीएम मोदी ने किया शिलान्यास।
अयोध्या धाम के बाद अब यूपी के संम्भल में कल्कि धाम बनने जा रहा है. ये मंदिर विष्णु जी के 10वें अवतार भगवान कल्कि को समर्पित होगा. यह मंदिर दुनिया भर में अनोखा है क्योंकि जिस अवतार के लिए मंदिर बन रहा है अभी वह प्रकट ही नहीं हुआ है.
आज पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ और कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्ण(जो कांग्रेस के नेता रह चुके है) महामंडलेश्वरों की मौजूदगी में कल्कि धाम की आधार शिला रखी गई.कल्कि धाम मंदिर में भगवान विष्णु के 10 अवतारों के लिए अलग-अलग 10 गर्भगृह होंगे. मंदिर में 68 तीर्थों की स्थापना होगी. 5 एकड़ में बनने जा रहा ये मंदिर 5 साल में तैयार होगा.कल्कि धाम में भी अयोध्या मंदिर की तरह गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल होगा. खास बात ये है कि इस मंदिर में भी स्टील और लोहे का उपयोग नहीं किया जाएगा. मंदिर 11 फीट ऊंचे चबूतरे पर होगा, शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगी.
कल्कि भगवान से जुड़ी कुछ अतिरिक्त बातें:
विष्णु पुराण में एक अन्य कथा वर्णित है, जिसके अनुसार कल्कि ब्राह्मण के रूप में जन्म लेंगे। महान विद्वान और ऋषि बनकर वे धर्म की रक्षा का व्रत धारण करेंगे।कल्कि से जुड़ी अनेक कहानियां हैं। कुछ में उन्हें देवता बताया गया है, तो कुछ में मानव। परंतु सभी कथाएं इस बात पर सहमत हैं कि कल्कि एक शक्तिशाली और महान व्यक्तित्व होंगे, जो दुनिया को बदलने के लिए दृढ़ हैं।
हिंदू धर्म में कल्कि का अवतार बहुत महत्वपूर्ण है। यह आशा और विश्वास का प्रतीक है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होगी। यह एक Reminder भी है कि पृथ्वी हमेशा नहीं रहेगी और अंततः एक नया युग शुरू होगा।
उनका नाम संस्कृत शब्द “कलकी” से आया है, जिसका अर्थ “सफेद घोड़ा” होता है।
उन्हें अक्सर धरती पर धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेने वाले शक्तिशाली योद्धा के रूप में चित्रित किया जाता है।
भविष्य पुराण और विष्णु पुराण सहित कई हिंदू ग्रंथों में उनका उल्लेख है।
उनके जन्म और जीवन के बारे में विभिन्न विवरण देने वाली कई कहानियां मौजूद हैं।
कल्कि का अवतार हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण है और यह आशा और विश्वास का प्रतीक है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होगी।
(शम्भल ग्राम मुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनः। भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति॥) – श्रीमद्भागवत गीता के 12वें स्कंद में भी भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का वर्णन है. शास्त्रों के अनुसार जब कलियुग अपने चरम पर होगा, ऐसे में कलयुग के आखिर में भगवान विष्णु कल्कि के तौर पर अवतार लेंगे. वह सफेद घोड़े पर सवार होंगे और 64 कलाओं से युक्त होंगे.
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